
अंकिता हत्याकांड मामले में उत्तराखंड बचाओ आंदोलन ने सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया |
उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को इंसाफ देने के लिए उत्तराखंड वासियों ने दिल्ली जंतर-मतर पर आवाज उठाई | उत्तराखंड बचाओ आंदोलन नेतृत्व कर रहे उद्यमी और समाजसेवी जगदीश भट्ट जी ने सभी संस्थाओं और आम जन मानस को आज जंतर मंतर पर अव्वाहन किया और जंतर मंतर पर धरना देकर पहाड़ की बेटी जो अपने घर को समृद्ध बनाने के लिए पहाड़ में रहकर ही कार्य करना चाहती थी उसकी निर्मम ह्त्या कर दी गयी थी उसके न्याय को लेकर जंतर मंतर से चेतावनी दी कि उत्तराखंड राज्य में डबल इंजन सरकार होते हुए हमारी बिटिया को न्याय नहीं मिल पा रहे लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार को न्याय तो देना ही पडेगा अन्यथा इस बार जनता नहीं थमेगी |
बड़ी संख्या में मातृ शक्ति के साथ तारा दत्त भट्ट, रमेश शर्मा, उमेश मठपाल, ओंकार सिंह कोली, कमल ध्यानी, दीपिका नयाल, पुष्पा भट्ट, गायिका कौसल पांडेय और चारु तिवारी, बेटी अंकिता को श्रद्धांजलि देने जंतर-मंतर पहुंचे और अंकिता भंडारी को इंसाफ देने की मांग की। अंकिता की हत्या को तीन हफ्ते बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी उसे इंसाफ नहीं मिल पाया है। लोगों का चहरे से बेटी के न्याय के लिए धामी सरकार के खिलाफ आक्रोश दिखाई दिया और उनकी मांग है कि इस मामले की जांच सी बी आई करे। लोग भाजपा सरकार को घेर रहे हैं कि वह कौन वी आई पी था, जिसके लिए अंकिता पर दबाव बनाया जा रहा था।
उत्तराखंडियों ने अश्रु भरे शब्द और आक्रोश में कहा कि अब अगर सरकार समय रहते उत्तराखंडियों की न्याय देने की भावना समझ जाय तो डबल इंजन सरकार के लिए बेहतर है अन्यथा न्याय देने में जितनी देरी करेगी उतना उत्तराखंडी बेटी के न्याय के लिए तख्ता पलट करने में देरी भी नहीं करेगी |
जंतर मंतर में उत्तराखंड बचाओ आंदोलन द्वारा ये धरना प्रदर्शन सायं 4 बजे तक चला और सभी लोगो को साथ साथ सरकार की उत्तराखंड के साथ सौतेले व्यवहार पर आगे की रुपरेखा बनाने की बात हुई और 16 अक्टूबर को आगे की रुपरेखा के लिए एलान किया |
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